Wednesday, October 27, 2010

ज़ख्म कुछ ऐसे थे नींद तो आई



दिल टूट कर ऐसा हुआ की आँख से न रोया गया,
ज़ख्म कुछ ऐसे थे नींद तो आई,
पर रात में सोया न गया.

दिल तो दिल था समुद्र का साहिल नहीं


वो रूठे इस कदर की मनाया ना गया,
दूर इतने हो गए कि पास बुलाया ना गया,
दिल तो दिल था समुद्र का साहिल नहीं,
लिख दिया नाम तो फिर मिटाया ना गया !

हमने भी कभी प्यार किया था



हमने भी कभी प्यार किया था,
थोड़ा नही बेशुमार किया था,
बदल गयी जिंदगी तब हमारी,
जब उसने कहा अरे पागल मैंने तो मज़ाक किया था.

दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की





प्यार कमजोर दिल से किया नहीं जाता,
ज़हर दुश्मन से कभी लिया नहीं जाता,
दिल में बसी है उल्फत जिस प्यार की,
उस दिलरूबा के बिना एक पल भी जिया नहीं जाता.

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है !

तुझे खोना भी मुश्कील है, तुझे पाना भी मुश्कील है. जरा सी बात पर आंखें भीगो के बैठ जाते हो, तुझे अब अपने दील का हाल बताना भी मुश्किल है...